पत्रकारों को अच्छे काम के लिए मजबूती से खड़ा होकर अन्याय को तोड़ने का काम करना चाहिए- पुलिस इंस्पेक्टर बी.डी.भुसनूर

नांदेड, एम अनिलकुमार| लोकशाही का चौथा खांब के नामसे पत्रकारो को पहचाना जात है, इस विश्वास को कायम रखणें के लिये पत्रकारो ने अच्छे कार्यों को समाज के समक्ष प्रस्तुत कर समाज को दिशा देने में प्रमुख भूमिका निभानि होगी। समाज और पत्रकारों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए पत्रकारों को उपेक्षित तत्वों को आगे लाने के लिए अपनी कलम चलाणी चाहिए। और पत्रकारों को अच्छे काम के पक्ष में मजबूती से खड़े होकर अन्याय को तोड़ने का काम करना चाहिए। ऐसा अनुरोध हिमायतनगर थाने के पुलिस निरीक्षक बीडी भूषणूर ने कर दर्पणकर बालशात्री जांभेकर की पत्रकारिता के आदर्श को अपनाने की अपील की.

हिमायतनगर पुलिस स्टेशन की ओर से आज छह जनवरी को पत्रकार दिवस के अवसर पर तहसील के सभी पत्रकारो के आयोजित सम्मान समारोह के अवसर पर बोल रहे थे. इस अवसर पर सहायक पुलिस निरीक्षक पाटिल, वरिष्ठ पत्रकार परमेश्वर गोपतवाड, कनबा पोपलवार, गोविंद गोडसेलवार, संजय मुनेश्वर, पांडुरंग गाडगे, असद मौलाना, अनिल मादसवार सहित पत्रकार, फोटोग्राफर, समाचार पत्र विक्रेता और अनेको पत्रकार भाई उपस्थित थे। सबसे पहले आचार्य बालशाश्री जाम्भेकर की प्रतिमा को पुष्पहार अर्पण कर अभिवादन किया और उनकी स्मृती को प्रकाश में लाया गया। इसके बाद पुलिस स्थापना दिवस सप्ताह के दौरान आये दर्पण दिवस के अवसर पर सभी पत्रकारों को थाने में आमंत्रित कर पुष्प एवं कलम से सम्मानित एवं अभिनंदन किया गया।

दर्पणकर आचार्य बालशास्त्री जाम्भेकर ने पत्रकारिता के युग की शुरुआत की। अपनी सामाजिक पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए पत्रकारों के लिए जरूरी है कि वे समाज के निचले पायदान पर मौजूद लोगों के मुद्दों को, कलम के माध्यम से उठाएं। अपनी पत्रकारिता के माध्यम से शहर और तालुका के विकास को कैसे बढ़ावा दे सकते हैं। तथा अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा किये गये अच्छे कार्यों को समाज के सामने रखना एवं उनसे अधिक से अधिक अच्छे कार्य कराने का प्रयास करना आवश्यक है।

कई लोगों ने यह राय व्यक्त की कि अपनी पत्रकारिता के माध्यम से सामाजिक मुद्दों को उठाकर समाज के हाशिये पर पड़े लोगों को न्याय दिलाना दर्पनकर को श्रद्धांजलि होगी। इस अवसर पर पत्रकार दिलीप शिंदे, वसंत राठौड़,चांदराव वानखेडे, शुद्धोधन हनवते, धम्मपाल मुनेश्वर, नागोराव शिंदे, विजय वाठोरे, अनिल भोरे, मनोज पाटिल, नागेश शिंदे, बाबाराव जर्गेवाड, दाऊ गाडगेवाड, अभिषेक बक्केवाड, विष्णु जाधव, दत्ता पुपलवाड, अंगद सुरोशे, गंगाधर गायकवाड, शेख खय्यूम, परमेश्वर सूर्यवंशी, धोंडोपंत बनसोडे, सुभाष दरवंडे, गजानन चायल, अनिल नाइक, लिंगोजी कदम आदि उपस्थित थे ...


 

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