जिला परिषद सामने प्रदर्शन कर स्वास्थ्य विभाग को बयान देकर सिटू संघटन ने आंदोलन रोक दिया

नांदेड, एम अनिलकुमार| महाराष्ट्र प्रदेश में स्वास्थ्य अभियान की रीढ़ मानेजानेवाले आशा एवं समूह प्रवर्तक 12 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। राज्य सरकार के मंत्रियों ने आशा वर्कर्स के लिए 7,000 रुपये और समूह प्रमोटरों (सुपरवायझर) बहनो को 10,000 रुपये की वृद्धि की घोषणा की है।

लेकिन अभी तक सरकारी आदेश जारी नहीं होने के कारण सीटू के नेतृत्व में पूरे महाराष्ट्र में मार्च और आंदोलन चल रहा है. इसी के तहत नांदेड़ जिला समिति की ओर से 17 जनवरी को समूह प्रवर्तक महासंघ के अध्यक्ष कॉमरेड उज्वला पडलवार और महासचिव कॉमरेड गंगाधर गायकवाड द्वारा हस्ताक्षरित बयान देकर महात्मा गांधी प्रतिमा से मार्च निकाला जाएगा ऐसा कहा गया था| साथ हि मार्च के प्रतिनिधि मंडल की ओर से कलेक्टर एवं नगर निगम आयुक्त को ज्ञापन देकर छत्रपति शिवाजी महाराज एवं भारतीय राज्य संविधान के निर्माता डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर की प्रतिमा को प्रणाम कर मार्च का समापन जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को मेमोरेंडम देकर किया जाएगा ऐसी योजना बनाई गई थी.

लेकिन कलेक्टर अभिजीत राऊत ने अपने अधिकार का उपयोग करते हुए भीड़ प्रतिबंध और हथियार प्रतिबंध आदेश जारी करने के कारण विरोध प्रदर्शन, उपवास और मार्च को प्रतिबंधित कर दिया है। और जिले के हर कोने से हजारों की संख्या में आशा वर्कर्स नांदेड़ शहर पहुंचे। उन्हें मार्च रद्द होने की जानकारी नहीं थी. इसलिए, संगठन ने मार्च रद्द कर दिया और जिला योजना के अनुसार, जिला परिषद के सामने प्रदर्शन किया गया और स्वास्थ्य विभाग के समन्वयक थोरात को एक बयान दिया गया. और पुलिस के सुझाव के अनुसार आंदोलन रोक दिया गया है|

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