19 करोड़ की नल योजना का काम अधूरा होने से हिमायतनगर में जल संकट की समस्या

नागरिकों ने विधायक जवलगांवकर से शिकायत की कि उन्हें पानी की तलाश में भटकना पड़ रहा है


नांदेड, एम अनिलकुमार| हिमायतनगर शहर के लिये मंजूर हुई १९ करोड कि जलापूर्ति नल योजना का काम अब तक पूरा नहीं होने के कारण कई वार्डों में पानी की कमी की समस्या का सामना आम लोगो को करना पड़ रहा है. परिणाम स्वरूप नागरिकों को पानी के लिए दरदर भटकना पड़ता है, इसके समाधान के तौर पर नगर परिषद को तत्काल सार्वजनिक कुओं में पानी छोड़ना चाहिए तथा बंद स्थानों पर बोरवेल कराकर लोगों की प्यास बुझानी चाहिए। इस जलसमस्या से परेशान नागरिक ने जवलगांवकर से मांग की कि पाइपलाइन परियोजना के काम में ढिलाई बरतने वाले ठेकेदार के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाए. और जनता कि प्यास बुझाने के लिये नगरपंचायत परिसर के कुए में पाणी छोडा जाये.

शहर की 19 करोड़ की नल योजना को लेकर 20 दिसंबर 2023को हदगांव हिमायतनगर तालुका के विधायक माधवराव पाटिल ने नल योजना पर काम करने वाले ठेकेदारों, इंजीनियरों और नगरपंचायत की एक संयुक्त समीक्षा बैठक की. स्वीकृत नल योजना के काम की समीक्षा जानने के बाद संबंधित ठेकेदार को दिसंबर के अंत तक नल योजना का काम पूरा कर नये साल से लोगों को पानी उपलब्ध कराने की सख्त चेतावनी विधायक माधव पटेल जवलगावकर ने दी, और उन्होने कहा कि जनता को पानी नहीं मिला तो जो स्थिति बनेगी उसकी जिम्मेदारी आपको लेनी होगी.


लेकिन जनवरी माह के 10 दिन बीत जाने के बाद भी उक्त कार्य अब तक अधूरा है. इसके चलते शहर में नागरिक पानी के लिए भटक रहे हैं। इस पाइपलाइन प्रोजेक्ट का काम पिछले छह-सात साल से चल रहा है, लेकिन काम में प्रगति नहीं होने के कारण दिवाली के बाद से शहरवासियों को पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है. अब जल स्तर नीचे चले जाने के कारण नागरिक पानी की समस्या को नगर पंचायत तक पहुंचा रहे हैं और ठेकेदार को जिम्मेदार बनाने तथा शहर के लोगों की प्यास बुझाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था बनाने की मांग की जा रही है. इस अवसर पे कांग्रेस नेता डॉ. अंकुश देवसरकर, तालुका अध्यक्ष गजानन सूर्यवंशी, प्रथम नगराध्यक्ष अखिल भाई, पूर्व नगरसेवक ज्ञानेश्वर शिंदे, चेयरमन गणेशराव शिंदे, दत्तात्रेय काले, रामभाऊ सूर्यवंशी, विलास वानखेड़े आदि उपस्थित थे.


ठेकेदार की ढिलाई के कारण हिमायतनगर शहर के लोग पिछले सात साल से पानी का इंतजार कर रहे हैं. पाइप लाइन प्रोजेक्ट पर काम करते समय ठेकेदार ने करोड़ों की धनराशि से बनी सीमेंट सड़कों को तोड़कर शहर की सड़कों को गड्ढों से भर दिया है. इसलिए शहरवासियों को धूल का सामना करना पड़ रहा है, जिसके लिए ठेकेदारों की मनमानी और निगरानी करने वाले इंजीनियरों का लापरवाह प्रबंधन ही जिम्मेदार है. इसलिए पाइपलाइन परियोजना के काम में देरी करने और विधायक जवलगांवकर के आदेश को कचरे की टोकरी दिखाने के लिए ठेकेदार के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की मांग की गई है.

यदि पाइप लाइन खराब हूई तो पानी के लिए एक-दूसरे के सिर फोड़ने की नौबत आ जाएगी
दरअसल, 7 साल पहले शुरू हुई पाइपलाइन परियोजना का काम अब तक अधूरा होने से शहरवासियों को दिवाली के बाद से ही पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है. पाइपलाइन का काम शुरू होने से पहले शहर के चारों ओर 4 से 6 जगहों पर पानी टंकी का निर्माण कराना अनिवार्य था. लेकिन काम शुरू होने के बाद से अब तक मात्र तीन टंकियों का ही निर्माण हो सका है। इसका कार्य भी आंशिक स्थिति में है और देखने में आ रहा है कि एक ही स्थान पर दो टैंक बनाये गये हैं। इससे 19 करोड़ के फंड में से 80 फीसदी खर्च करने के बाद जनता को पानी मिलेगा या नहीं, इस पर संशय पैदा हो गया है. यदि जलापूर्ति योजना फेल हो गयी तो एक समय ऐसा आयेगा जब नागरिक पानी के लिए एक-दूसरे का सिर फोड़ेंगे.

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