साइकिल पर तय किया ३.८० लाख किमी का सफर, १६ साल से घर नहीं गए
हिमायतनगर, एम अनिलकुमार| कुछ खास लोगों में कुछ नया करने और दिखाने का जुनून अलग ही होता है। इसी के अन्तर्गत बैंगलोर से बीस किमी दूर चिकातिरुपति गांव निवासी अमनदीप सिंह खालसा गत १६ वर्षों से बेंगलोर से पंजाब साइकिल यात्रा पर हैं। इस दौरान वे विश्व शान्ति और नशा मुक्ति को लेकर अपना मिशन अभियान चला रहें है |
उन्होंने भारत के हर राज्य के ज्यादतर जिलों के चक्कर लगाए हैं। अबतक वे साइकिल से करीब ३ लाख ८० हजार किलोमीटर कि दूरी तय कर चुके हैं| इस अभियान को आगे बढ़ाते हुए शुक्रवार को अमनदीप सिंह साइकिल पर महाराष्ट्र के नांदेड जिले में आनेवाले हिमायतनगर वाढोणा शहर के श्री परमेश्वर मंदिर में पहुंचे है। अपनी कहानी बताते हुए उन्होने कहा कि इस यात्रा को शुरू करने से पहले वे गुरुद्वारा में बच्चों को पंजाबी की शिक्षा देते थे। २००७ में उनके मामा की नशे के कारण मौत हो गयी और ऐसे में उन्होंने नशा मुक्ति अभियान चलाने का बीड़ा उठाकर वर्ष २००८ को घर से निकल गये और आज तक वह अपने घर नहीं गये। उन्होने बताया कि उनकी पत्नी भी गुरुद्वारा में बच्चों को पढ़ाती है। उनके दो पुत्र व पुत्री है। जिनसे वे १६ वर्ष बीत गये लेकिन वापस नहीं मिले उन्होने बताया कि यात्रा के दौरान उनके पुत्र, पत्नी और दोस्तों से आर्थिक मदद मिल रही है।
अमनदीप जी ने कहा कि उनका जन्म हिंदू परिवार में हुआ था और उनका नाम महादेव रेड्डी था। वर्ष १९७५ में उन्होंने सिख धर्म को अपना लिया। कहा कि वे छह भाषाओं के ज्ञाता हैं, जिनमें हिंदी, तेलगु, इंग्लिश, तमिल, कन्नड़ और पंजाबी शामिल है। उनका पुत्र यूएस में ईएनटी स्पेशलिस्ट है।
अमनदीप ने कहा कि वे हर रोज ५० से १०० किमी की यात्रा करते हैं और ऐसे में जरूरत का सारा सामान साथ लेकर चलते हैं। उनकी उम्र ६३ वर्ष है और इस उम्र में अत्यधिक पानी पीने के अलावा सिर्फ एक टाइम भोजन करते हैं। ऐसे में न कोई रोग है और न ही इस यात्रा में उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई।
अमनदीप ने बताया कि वह जगह जगह रुक कर लोगों को नशा के खिलाफ जागरूक करते हैं। साथ ही कुछ आर्युवेदिक दवाओं का नाम भी उन्हें बताते हैं, जिससे नशा से मुक्ति पाने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि उनकी इस यात्रा को गिनीज बुक में भी जगह मिलने वाली है क्योंकि उन्होंन साइकिल से लंबी यात्रा कर जॉन मिलसन का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। वे इस बार अपने घर लौटेंगे तो इस अभियान को विराम देंगे। जिस सोंच के साथ उन्होंने इस अभियान को शुरू किया था, वह उन्हें पूर्ण होता दिख रहा है क्योंकि अब तक कई सौ लोगों ने उनके पहल पर नशा से दूरी बना ली है। बताया कि वे अगले महिने अपनो यात्रा पूर्ण कर अपने घर पहुंचेंगे।
अमनदीप ने बताया कि कुछ पूर्व उनकी पुत्री की शादी हुई थी जिसमें यात्रा में रहने के कारण शामिल नहीं हो सके। अब वह घर पहुंचकर सभी से मिलेंगे। बताया कि यात्रा में उनकि यह ११ साइकिल है। और उनकी इस साइकिल यात्रा में तकरीबन ८ लाख रुपए खर्चा हो चुका है ऐसा भी उन्होने कहा।