हिमायतनगर/ नांदेड, एम अनिलकुमार| मराठा योद्धा मनोज जरांगे पाटिल के आंदोलन की मांगों को स्वीकार करते हुए, महाराष्ट्र सरकार ने मराठा कुनबी रिकॉर्ड वाले लोगों के प्रत्यक्ष रिश्तेदारों को प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एक अध्यादेश निकाला है। यह बात समझते ही हिमायतनगर शहरी क्षेत्र में मराठा समाज भाइयों ने श्री परमेश्वर मंदिर के सामने पटाखे कि आतिशबाजी चालावी; ढोल की थाप पर डान्स करते और जलेबी बांटकर मुह मीठा कर जल्लोष मनाया है।
मनोज जरांगे पाटिल के आंदोलन का समर्थन करते हुए हिमायतनगर शहर और परिसर के मराठा समुदाय के युवाओं ने मराठा आरक्षण का मुद्दा उठाया। और उनके खिलाफ मामले दर्ज किए गाये, फिर भी हार माने बिना उन्होंने कई दिनों तक क्रमिक भूख हड़ताल करके सरकार का ध्यान अपनी ओर खींचा था। साथ हि हिमायतनगर तहसील ग्राम कामारी के एक युवक ने मराठा आरक्षण के लिये अपने प्राणो का बलिदान भी दिया था, आज सरकार ने मराठा योद्धा मनोज जारांगे पाटिल की मांग पर ध्यान दिया और सभी मांगों पर सहमति जताई और महाराष्ट्र सरकार उन सभी रिश्तेदारों को प्रमाण पत्र देने पर भी सहमत हो गई है जिनके पास मराठा कुनबी रिकॉर्ड है।
यह बात समझ में आते ही हिमायतनगर शहर के समस्त मराठा समाज की ओर से जिन लोगों के विरुद्ध मुकदमा दायर किया गया था, उन सभी के हाथो छत्रपति शिवाजी महाराज की छवि पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। और मराठा आरक्षण के लिये प्राणो कि आहुती देणेवाले ऊन तमाम मराठा सेवको को भी नमन किया गया, इसके बाद उपस्थित सभी मराठा भाइयों ने एक-दूसरे का मुंह मीठा कराया और जलेबी खिलाई, पटाखे फोड़े और ढोल-नगाड़ों की आवाज के साथ जश्न मनाया। साथ ही मराठा योद्धा मनोज जारांगे पटेल की जीत की घोषणा करते हुए, मनोज जरांगे पटेल तुम आगे बढ़ो हम तुम्हारे साथ हैं.... एक मराठा लाख मराठा.... ऐसे नारे लगाये|
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे पाटिल द्वारा शुरू किया गया आंदोलन आखिरकार शनिवार को खत्म हो गया. राज्य सरकार ने जरांगे की सभी मांगें मान ली हैं और शुक्रवार आधी रात को एक अध्यादेश भी जारी कर दिया है. इस अध्यादेश में सभी रिश्तेदारो का मुद्दा भी शामिल किया गया है, जो सरकार और जरंगों के बीच एक प्रमुख मुद्दा बन गया था। इससे जरांगे और मराठा समुदाय की खुशी सातवें आसमान पर है.