नांदेड, एम अनिलकुमार| एक तरफ वर्तमान में डिजिटल इंडिया / मेक इन इंडिया हो रहा है लेकिन दूसरी तरफ आदिवासी इलाकों में कोई प्रभावी नेटवर्क कनेक्टिविटी नहीं है। इन दिनों नेटवर्क एक बुनियादी जरूरत है| किंतु नांदेड़ जिले के हदगांव तालुका के कुसलवाड़ी गांवों में कोई भी नेटवर्क नहीं है| और मोबाइल नेटवर्क नही होणे को लेकरं कुसलवाड़ी के नागरिकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
वर्तमान में महाराष्ट्र में डिजिटल ग्राम पंचायतें हो रही हैं, इस ग्राम पंचायत में गांव के सभी नागरिकों को सभी सरकारी दस्तावेज गांव में ही मिल जाएं, इसलिए महाराष्ट्र सरकार लाखों रुपये खर्च कर रही है|
नांदेड जिले के हदगाव तहसील में आनेवाले कुसलवाड़ी गांवों में ग्राम पंचायत तो है, वहां कोई नेटवर्क उपलब्ध नहीं है। गांव के विद्यार्थियों को मोबाइल पर आ रही है स्कूल की पूरी पढ़ाई, स्वस्त धान्य दुकानदार को दी गई हिस्ट्री मशीन और उस मशीन से रसीद नहीं निकलने के कारण इस गांव के नागरिकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है| इसलिये यहा के ग्रामवासियो ने हदगाव तहसील में आकार नेटवर्क कि समस्या सुलझाने कि मांग कि है|