गुरुवार को अनेको घरो में महालक्ष्मी व्रत-एवं पूजन हर्षोल्हास के साथ कि गई


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मां लक्ष्मी को धन-वैभव की देवी कहा गया है. ऐसे में गुरुवार के दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करने के आशीर्वाद प्राप्त होता है और व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है. इस वर्ष मार्गशीर्ष मास 13 दिसंबर 2023 से शुरू होकर 11 जनवरी 2024 तक चालणेवाला है. इस दौरान 4 गुरुवार पड़ेंगे ऐसा पुरोहितो का केहना है, तारीख 14 दिसंबर 2023 को पहला गुरुवार और 4 जनवरी 2024 को आखिरी गुरुवार पड़ रहा है, सी उपलक्ष पर आज तारीख १४ गुरुवार को अनेको घरो में महालक्ष्मी व्रत-एवं पूजन हर्षोल्हास के साथ कि गई है.  

मार्गशीर्ष माह के प्रत्येक गुरुवार को मार्गशीर्ष महालक्ष्मी व्रत एवं पूजा का विधान है, विशेष रूप से महालक्ष्मी का यह व्रत महाराष्ट्र एवं दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में बड़ी श्रद्धा एवं आस्था के साथ मनाया जाता है. सनातन धर्म में श्रावण मास के समान ही मार्गशीर्ष मास का भी विशेष महत्व माना जाता है, यही वजह है कि संपूर्ण महाराष्ट्र में इस पूरे मास में मांसाहार से कड़ाई से परहेज रखा जाता है.  

गुरुवारी महालक्ष्मी व्रत रोज अनेक सुवासिनी महिलाये इसका पालन तहेदिलसे करती है। माता लक्ष्मी कि पूजा कर रात्रि को मिठे पक्वान्न का भोग देवी को अर्पण किया जाता है। जादातर जगह पे इस व्रत के उपलक्ष पर महिलाओ को हल्दी कुमकूम लगाकर उपहार भेट दिया जाते हैं। दिवाली की पश्चात कुछ थमें हुए उत्सव का माहोल इस अवसर पे पुनः इकबार शुरु होते है। गुरुवार को लक्ष्मी व्रत का पालन करके लक्ष्मी माता कि पूजा कर उपवास रखणे कि पुरानी परंपरा है।  

इस वर्ष में ३ और अगले वर्ष में १ गुरुवार मार्गशीर्ष मास में आये है
पहला गुरुवार 14 दिसंबर 2023
दूसरा गुरुवार 21 दिसंबर 2023
तीसरा गुरुवार 28 दिसंबर 2023
चौथा गुरुवार 04 जनवरी 2024

हिंदू पौराणिक ग्रंथों के अनुसार श्रावण की तरह मार्गशीर्ष मास भी बहुत पवित्र महीना माना जाता है. इस माह पड़ने वाले सभी चार गुरुवार को महालक्ष्मी का व्रत रखा जाएगा. हिंदू धर्म शास्त्रों में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है, और इस दिन उनकी पत्नी देवी लक्ष्मी की पूजा होती है, इसलिए इस माह का विशेष महत्व प्राप्त है. यह वृत्त करणे वाले महिलाओ कि सभी मनोकामनाये पुरी होती है ऐसा मानंना है 

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