नांदेड गोरक्षक विभाग ने 1986 गाय की खाल की तस्करी करणे वाले ट्रक को पकडाया

किरण बिचेवार ने वरिष्ठ अधिकारियों से कसाईयों कि मिलीभगत का लगाया आरोप 

नांदेड़ जिले में कसाइयों के अलावा गौरक्षकों को निशाना बनाया जा रहा है 

नांदेड| गोरक्षक विभाग ने गाय की खाल की तस्करी होने की खुफिया जानकारी के आधार पर नांदेड़ जिले कि एक टीम विदर्भ के उमरखेड़ में भेजी। इस बीच तस्करों को शक हुआ तो उन्होंने पूरे ट्रक को एक दिन के लिए छुपा दिया था. गोरक्षक कार्यकर्ताओं ने बिना हार माने गुप्त रूप से ट्रक का पीछा करना जारी रखा और 07 दिसंबर की शाम को पुलिस की मदद से ट्रक को आसना ओवर ब्रिज, नांदेड़ के पास पकडाया है। उक्त ट्रक में 1986 गाय की खालें होने की बात सामने आने के बाद इन कारोबार मामले में हवाई अड्डा पुलिस स्टेशन में ट्रकचालक के उपर मामला दर्ज किया गया है।


नांदेड में तारीख ०७ दिसंबर कि रात ८ से १० बजे के दौरान ट्रक नंबर एम एच २६ बीई ७०२८ कि ज्यांचा करणे पर गाय की खाल की तस्करी होने कि बात सामने आई है, इस ट्रक में कुल 1986 गाय की खालें अंदाजा किंमत ६ लक्ष ९५ हजार १०० रुपये और २० लाख रुपये का ट्रक ऐसा कुल २६ लाख ९५ हजार १०० रुपये का मुद्देमाल पुलिस ने जप्त कर लिया है| और ट्रकचालक रफिक अहेमद उमर ४२ साल इनपर महाराष्ट्र पशु संरक्षण अधिनियम १९७६ धारा ५, ५ ए, ५ बी, ११ और ४२९ के तहेत मामला दर्ज किया गया है| इस मामले कि छानबीन नांदेड पुलिस कर रही है|   

इस घटना के बाद गोरक्षक विभाग नांदेड़ ने प्रेसनोट जारी कि है, जिसमे लिखा है कि, पिछले साल से नांदेड़ शहर सहित जिले में हजारों मवेशियों की हत्या की जा चुकी है और हो रही है। इसलिए, गोरक्षक विभाग नांदेड़ ने पुलिस प्रशासन को उन वाहनों की एक सूची दी थी जो नियमित रूप से कत्तल के लिए मवेशियों को ले जाते हैं, और उन वाहनों की एक अलग सूची दी थी जिन पर पहले दो, तीन, और चार अपराध दर्ज किए गए हैं। लेकिन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की कसाईयों के प्रति सहानुभूति के कारण पिछले एक वर्ष से पुलिस उक्त वाहन को नहीं ढूंढ पायी. सभी वाहन प्रतिदिन पुलिस की मदद से मवेशियों को कत्तल करणे के लिए ले जा रहे हैं।

पिछले कुछ मामलों में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और तेलंगाना राज्यों में गोमांस की तस्करी करने वाले राज्य-स्तरीय गिरोहों के साथ-साथ स्थानीय कसाईयों की मिलीभगत का खुलासा हुआ है। इसके चलते कसाईयों को सूचना देने वाले कर्मचारियों की भी गोरक्षक विभाग नांदेड़ द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों से विधिवत शिकायत की गई. लेकिन उन्होंने उन कर्मचारियों का भी समर्थन किया है जिनका कसाइयों के साथ निहित स्वार्थ है, जो बहुत चिंताजनक है। गोरक्षक विभाग नांदेड़ की ओर से जारी पत्रक में भी यह कहा गया है।

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