हिमायतनगर/नांदेड,एम अनिलकुमार| ब्रह्मा, विष्णु और महेश की त्रिमूर्ति सर्वोच्च देवता है। ये तीनों भगवान अंश अर्थात अवधूत चिंतन श्री गुरुदेव दत्त हैं। यह दावा हरिभक्त पारायण पुरोहित कांतागुरु वाल्के ने किया। वे हिमायतनगर में पुलिस स्टेशन के पास विराजित दक्षिणमुखी मारोती मंदिर में 26 दिसंबर को श्री दत्त जन्मोत्सव के अवसर पर आयोजित कथा व्याख्यान में श्रोताओं का मार्गदर्शन करते हुए बोल रहे थे.
हर साल की तरह इस साल भी 26 दिसंबर 2024 को मार्गशीर्ष पूर्णिमा यानी मंगल के दिन श्री दक्षिणमुखी मारोती मंदिर समिति द्वारा दत्त जयंती उत्सव का आयोजन किया गया था। सुबह सबसे पहले भगवान दत्तात्रेय का अभिषेक महापूजा किया गया। इसके बाद भजन कार्यक्रम का समापन किया गया। सुबह 11 बजे हरिभक्त पारायण कांतागुरू वाल्के द्वारा कथा का आयोजन किया गया था. इस अवसर पर पुलिस निरीक्षक बी डी भूषणूर ने श्री दत्तात्रेय जयंती के उप्लक्ष पर दर्शन लेटेहूये सभी को शुभकामनाये दि.
सत्य ही धर्म है, असत्य ही कर्म है, धर्म और अधर्म के अतिरिक्त कोई धर्म नहीं है। भगवान का नाम आप कहीं भी किसी भी समय स्मरण कर सकते हैं. मुख से नाम स्मरण होने पर ही व्यक्ति को धर्म की प्राप्ति होगी, नाम से विमुख होने का मतलब है कि वह पतन की ओर जा रहा है। जो जैसा कर्म करेगा.... उसे वैसा हि फल मिलेगा.......संतों की संगति में स्वर्ग है, संतों से विमुख होना नर्क है। अत: काम, क्रोध, लोभ, मद, ईर्ष्या जीवन में आवश्यक हैं, परन्तु इनका प्रयोग आवश्यक मात्रा में ही करना चाहिए अन्यथा मानव जीवन का पतन हि होगा। ऐसा कहते हुए दोपहर 12.30 बजे भगवान श्री गुरुदत्त का जन्मोत्सव बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
इस अवसर पर उपस्थित महिला मंडलियों ने पालने गाकर श्रीदत्त जन्मोत्सव मनाया। महाआरती के तुरंत बाद महाप्रसाद के साथ महोत्सव का समापन हुआ। इस अवसर पर मंदिर समिति के अध्यक्ष बालू अन्ना चवरे, उपाध्यक्ष संतोष अप्पा पलशिकर, सचिव शिवप्पा तुप्तेवार, पुलिस निरीक्षक बीडी भुसनूर, रामभाऊ सूर्यवंशी, अमोल बंडेवार, पलशिकर मैडम, बंडेवार, पोपलवार, कोमावार, राठौड़, पारडीकर, मादसवार, गुंडेवार, बनसोडे, ठाकुर, मुत्तलवाड, जुन्नावर आदि सहित महिला पुरुष भजनी मंडल, गुरुदेव सेवा मंडल के सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे।