देश भर से एक करोड़ हस्ताक्षरों वाला मेमोरेंडंम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दिया जाएगा


नांदेड, एम अनिलकुमार|
26 नवंबर को संविधान दिवस के अवसर पर, नांदेड के रेलवे स्टेशन क्षेत्र में डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर की प्रतिमा पर, जाति अंत संघर्ष समिति-महाराष्ट्र और महाराष्ट्र राज्य कृषि मजदूर संघ (लाल बावटा), जिला समिति, नांदेड़ के सहयोग से डॉ. बाबा साहेब की प्रतिमा को अभिवादन किया गया, और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दिये जानेवाले बयान पर हस्ताक्षर कराने का अभियान सुबह नौ बजे से शुरू किया गया है।


सामाजिक न्याय और दलित मुद्दों पर 4 दिसंबर को दिल्ली में राष्ट्रव्यापी मार्च निकाला जाएगा और समिति ने एक करोड़ हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपने का संकल्प लिया है. इसी पृष्ठभूमि में 26 और 27 अगस्त को हैदराबाद में एक राष्ट्रव्यापी शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया था। सम्मेलन में सामाजिक न्याय के मुद्दों पर काम करने वाले 100 से अधिक संगठनों ने भाग लिया था।


भारत का संविधान बने पचहत्तर वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन आज भी दलित समुदाय के लोगों को भेदभाव, हिंसा और घोर अन्याय का सामना करना पड़ रहा है। पिछले नौ वर्षों में आरएसएस के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के दौरान स्थिति और भी खराब हो गई है। संविधान और संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है. सरकार मानवीय दृष्टिकोण को मजबूत करने पर विचार कर रही है। इन नीतियों को वापस लेने की मांग करते हुए जाति अंत संघर्ष समिति निम्नलिखित मांगों के समर्थन में एक सामूहिक हस्ताक्षर अभियान चला रही है।

दलितों को ग्रामीण और शहरी आम संपत्ति संसाधनों के अधिग्रहण और उपयोग में समान रूप से भाग लेने में सक्षम बनाने के लिए कानून बनाया जाना चाहिए और सख्ती से लागू किया जाना चाहिए। भोजन, सुरक्षित पेयजल, कपड़े, आवास, सार्वजनिक स्वास्थ्य और चिकित्सा देखभाल, सामाजिक सुरक्षा सहित विभिन्न मांगें की जाएंगी ऐसी जानकारी कॉ गंगाधर गायकवाड ने न्यूज फ्लॅश 360 के संवाददाता से बातचीत करते हुये दि।

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