वाढोणा के श्रीक्षेत्र परमेश्वर यात्रा में इस वर्ष बैलगाड़ी दौड़ का आयोजन; ग्यारह साल से बैलगाडा शर्यत थी बंद


हिमायतनगर, एम अनिलकुमार|
के श्रीक्षेत्र परमेश्वर यात्रा में इस वर्ष बैलगाड़ी दौड़ का आयोजन किया गया है, आज इस दौड के संदर्भ में श्री परमेश्वर मंदिर शंकरपट समिति के पदाधिकारियों ने पलसपुर रोड स्थित स्थल का निरीक्षण किया और नियोजन कि तयारीया सुरू कि है| विदित हो कि विगत ग्यारह साल से हिमायतनगर में यह बैलगाडा शर्यत बंद कि गाई थी, अब फिर से इस दौड का आयोजन किया जाणे से किसानों में ख़ुशी का माहौल है, और इस प्रतियोगिता से महाशिवरात्री मेले को रंगत भी आणेवाली है  

पूरे विश्व में प्रसिद्ध नांदेड़ जिले के हिमायतनगर (वाढोणा- वारणावती) में श्री परमेश्वर देवस्थान कमिटी कि और से सेंकडो सालो कि परंपरा कि निभतं हुए महाशिवरात्रि यात्रा महोत्सव का आयोजन कीया गया है, इस उत्सव कि योजना बैठक के बाद शनिवार को शंकरपट समिति के पदाधिकारियों की बैठक मंदिर समिती के उपाध्यक्ष महाविरचंद श्रीश्रीमाल के अध्यक्ष्य में संपन्न हुई।


अध्यक्ष एवं पदाधिकारियों की उपस्थिती में मंदिर समिति की बैठक में बातचीत हुई जिसमें पिछले ग्यारह वर्षों से बंद पड़ी शंकरपट बैलगाड़ी दौड़ की योजना को लेकर गहन चर्चा की गयी. बादमे श्री परमेश्वर मंदिर शंकरपट समिति ने शहर के तीन जागो का निरीक्षण किया और हिमायतनगर शहर से ग्राम पलसपुर कि और जानेवाले रोड पर स्थित पेट्रोल पंप के सामने के मैदान में बैलगाडा दौड लेणे का सुनिश्चित किया है। इस समय जगह की साफ-सफाई व मापी कर योजना बनाने का निर्णय लिया गया है और दो ग्रुप में शंकरपट प्रतियोगिता करायी जायेगी ऐसा भी काही गया है. युवा पीढ़ी ने इस वर्ष की यात्रा को हर्षोल्लास और बिना किसी उपद्रव के मनाने केलीये पहल की है। इस बैलगाडा दौड प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार विधायक माधवराव पाटिल जवलगावकर, द्वितीय पुरस्कार सामाजिक कार्यकर्ता शेख रफीक शेख महेबूब और तृतीय पुरस्कार मंदिर समिति को और दिया जानेवाला है, और अन्य पुरस्कार पुरस्कार दाताओं के दान से दिए जाएंगे ऐसा भी काही गया है।

इस बैठक में मंदिर समिति के सचिव अनंतराव देवकते, माधव पालजकर, अनिल मादसवार, विलास वानखेड़े, भोयर गुरुजी, शंकरपट समिति के अध्यक्ष संतोष गाजेवार, उपाध्यक्ष ज्ञानेश्वर शिंदे, सचिव विट्ठलराव चव्हाण, विट्ठलराव पालवे, प्रवीण शिंदे, मारोती हेंद्रे, श्यामराव पाटील, नारायण झरेवाड, दिगंबरराव वानखेडे, सुनील चव्हाण, गोविंद शिंदे, रामभाऊ सूर्यवंशी, राम नरवाड़े, श्याम बास्टेवाड, पांडुरंग मिसाले, परमेश्वर इंगले, पांडुरंग तुप्तेवार, दीना महाराज विरसनीकर, बालाजी हरडपकर, देवराव वाडेकर आदि और बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।

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