हिमायतनगर/नांदेड,एम अनिलकुमार| विगत महिने में मराठवाडा के नांदेड जिले के कई इलाके में ओले के साथ तुफानी बारिश हुई जिससे किसानों को भारी नुकसान सहेना पडा है, उसकेबाद अब अस्मान में बादल छाए रहने से खरीप के तुअर पर कीड़ों का प्रकोप बढणे लगा है, साथ ही रब्बी की फसल को भी काफी नुकसान होणे संभावना किसानो ने जताई है।
नांदेड़ जिले के साथ किनवट, माहुर, हिमायतनगर, हदगाव, भोकर, अर्धापूर आदि इलाकों में नवंबर महिने की तारीख 26 और 27 को तूफानी हवाओं और बिजली की कडकडाहट से बारिश होणे के कारण किसानों को फिर से खरीफ और रबी फसलों में भारी नुकसान सहेना पडा है । जीसमे रबी की ज्वार, चना, गेहूं, प्याज, और सब्जी की फसल का भी भारी नुकसान हुआ है. इस बेमौसम बारिश से किसान बड़ी मुसीबत में आया है. पहले कि किसान खरीप में हुई तुफानी बारिश से हताश हुआ था, अब बेमोसमी बारिश बरसने के कारण उन किसानों पर भी बड़ा संकट आ गया है और बलिराजा हताश हो गए हैं। अब सही मायने में सरकार को बलिराजा को बच्चाने के साथ इस संकट से बाहर निकालने के लिए ठोस कदम उठाने और पर्याप्त मदद करने की जरूरत है।
दौरान फीर मौसम में बदलावं होकर विगत दो - चार दिनो से अस्मान में बादल छाये है, दिन भर बादलो का मंडरणा और सुबह के वक्त धुवारी गिरणा इस कारण खरीप फसल की तुवर पर कीटो का प्रकोप बढ गया है। और चना फसल बचपन में ही सिकुडकर मरणे की कगार पर आई है, इस कारण किसानो की चिंता अधिक बड गयी है। अब निर्माण हुये वातावरण और फसल की नुकसानी का कैसे सामना करे इस विचार में किसानों की नींद उड गई है। इस बात को ध्यान में लेकर सरकारने किसान को रब्बी और खरीप फसल के नुकसानी का मुआवाजा तुरंत देकर सपोर्ट करना चाहिए ऐसी मांग वरिष्ठ पत्रकार परमेश्वर गोपतवाड ने हमारे संवाददाता से बातचीत के माध्यम से की है।