हिमायतनगर ईदगाह निर्माण हेराफेरी मामले में.... हिमायतनगर नगर पंचायत के प्रभारी मुख्य अधिकारी ने दिखाया वरिष्ठ के लेटर को कुडादाणं


नांदेड, एम.अनिलकुमार|
जिले के हिमायतनगर शहर के ईदगाह में विकास कार्यों में हुई गड़बड़ी के मामले में अधिकारियों, कर्मचारियों और ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक विशेष उच्च स्तरीय जांच समिति के माध्यम से उक्त मामले में दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों की जिम्मेदारी निर्धारित की जाए। इस प्रकार का लेटर हिमायतनगर के मुख्याधिकारी को जिला नागरिक प्रशासन अधिकारी एवं संयुक्त आयुक्त जिला नगरपालिका प्रशासन विभाग, नांदेड़ द्वारा प्राप्त हुआ है। किंतु हिमायतनगर नगरपंचायत के प्रभारी मुख्याधिकारी ने वरिष्ठ द्वारा दिये गये लेटर को कुडादाणं दिखाकर ईदगाह मैदान निर्माण हेराफेरी मामले में कारवाई करणे कि बाज अपना हात झटका रहें है ऐसा आरोप विकास प्रेमी जनता द्वारा किया जा रहा है 


विगत कुछ सालो पहले हिमायतनगर शहर में ईदगाह मैदान का निर्माण करोडो कि धनराशी के लागत से किया गया था, एक बार मैदान का निर्माण होणे के बावजुद भी उसी मैदान कि मरम्मत के नाम पर निधी मंजूर कर बिना काम किये सरकार द्वारा उपलब्ध हुई राशी में हेराफेरी कि गई| ऐसी दरखास्त शहर के जागरूक नागरिको ने वरिष्ठ स्तर पे कि थी, जिसे लेकरं पूर्व विधायक नागेश पटेल आष्टीकर ने भी इस मुद्दे को उठाकर चौकसी कर निधी में हेराफेरी करणे वालो पर पुलिस कारवाई कि मांग कि थी, उससे इस ईदगाह मैदान मामले कि जांच के लिये एक विशेष उच्च स्तरीय समिति का गठन कर मामले कि छानबीन कि गई, उक्त ईदगाह मैदान निर्माण में गडबडी मामले का वस्तुनिष्ठ रिपोर्टिंग दि है। 


इस बात के तहेत जिला नागरिक प्रशासन अधिकारी एवं संयुक्त आयुक्त जिला नगरपालिका प्रशासन विभाग, नांदेड़ द्वारा हिमायतनगर नगरपंचायत के मुख्याधिकारी को दो से तीन बार ईदगाह मैदान हेराफेरी मामले में पत्र भेजकर ईदगाह मैदान निर्माण कार्य की शिकायत के आलोक में जांच कमेटी ने जांच के बाद वस्तुनिष्ठ रिपोर्ट सौंपी है. जांच रिपोर्ट में उल्लेखित सभी संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश दिया गया है| 


पत्र क्रमांक 01 एवं 02 के अनुसार तत्कालीन अधिकारियों एवं कर्मचारियों के नाम एवं दायित्व निर्धारित किये गये हैं। पत्र में कहा गया है कि इन कार्यालयों के स्थापना शाखा के संग्रह को सूचित करना उचित होगा। जबकि संदर्भ क्रमांक 03 के अंतर्गत जांच प्रतिवेदन में उल्लेखित तत्कालीन अधिकारियों एवं कर्मचारियों के नाम एवं उत्तरदायित्व निर्धारित कर प्रतिवेदित किया जाना अपेक्षित है| किंतु नगर पंचायत कार्यालय के प्रभारी मुख्य अधिकारी जानबूझकर उपरोक्त कार्यवाही मामले को दोषियों को बचाने का प्रयास कर रहें है...या किसी के दबाव के कारण जानबूझकर इन महत्वपूर्ण और गंभीर मामले  की और अनदेखी कर  जिला वरिष्ठ के लेटर को कुडादाणं दिखा रहें है क्या...? ऐसी आशंका शहर कि विकास प्रेमी नागरिक द्वारा व्यक्त कि जा रही हैं।

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