व्यंकटेश बालाजी मंदिर में कार्तिक स्वामी दर्शन समर्पण की तैयारी..26 रोज दर्शन का योग


हिमायतनगर|
नांदेड़ जिले के हिमायतनगर शहर में प्राचीन भगवान बालाजी मंदिर में भगवान श्री कार्तिक स्वामी (शडानंद) दर्शन के समापन दिवस पर मंदिर निदेशक की ओर से तैयारियां की गई हैं। इस वर्ष कार्तिक 14 रविवार 26 नवंबर कार्तिक पूर्णिमा कृतिका नक्षत्र के दिन तीन योगों के संयोग से भगवान कार्तिक स्वामी के दर्शन पती-पत्नी ले सकेंगे, ऐसा वैदिक ज्ञान से संपन्न पुजारी कांतागुरु वालके ने हमारे संवाददाता से कि मुलकात में कही है। महिलाओं को कार्तिक स्वामी के दर्शन की अनुमति नहीं रहती, लेकिन इस साल महिलाएं भी दर्शन ले सकती हैं।  


हिमायतनगर शहर पूरे महाराष्ट्र में देवी-देवताओं की मूर्तियों के शहर के रूप में प्रसिद्ध है। उत्खनन और निर्माण के माध्यम से हजारों साल पुरानी अखंड पत्थर की दुर्लभ मूर्तियाँ प्रकाश में आई हैं। इनमें से एक मूर्ति (शडानंद) कार्तिक स्वामी की है, और कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर इसके दर्शन का विशेष महत्व है। उक्त मूर्ति अत्यंत शोभायमान एवं मनमोहक है तथा नांदेड़ जिले में मोर पर आरूढ़ यह एकमात्र मूर्ति है। उक्त मूर्ति के दर्शन के लिए विदर्भ, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र के दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।

उन्होंने सभी को अगले जन्म में अच्छा जीवन पाने के लिए श्री कार्तिक स्वामी के दर्शन करने की अपील कि है। तारीख 26 को सुबह 4 बजे व्यंकटेश बालाजी मंदिर में विराजमान भगवान कार्तिक स्वामी की मूर्ति का अभिषेक महापूजा संपन्न होगा और प्रसाद वितरण किया जाएगा। 26 तारीख की दोपहर 15 बजकर 54 मिनट से 27 तारीख सोमवार को दोपहर 13 बजकर 35 मिनट तक भक्तों के लिए श्री दर्शन का विशेष योग बना है।

"कार्तिक स्वामी" दर्शन अनुष्ठान
इस वर्ष कार्तिक 14 तारीख रविवार 26 नवंबर को शाम 15 बजकर 54 मिनट तक सोमवार को दोपहर 13.35 बजे तक पूर्णिमा एवं कृतिका नक्षत्र होने से इस योग में कार्तिक स्वामी का दर्शन करना चाहिए। सबसे पहले स्नान करके कार्तिकेय के दर्शन करें और दर्भा, चंदन, फूल, दशांगधूप, दीप अर्पित करें और कार्तिकेय के वाहन मोर की पूजा करें। उसके बाद निम्नलिखित श्लोक के रूप में एक उपचार प्रस्तुत करना चाहिए एसी जाणकारी पुरोहित ने दि 

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