हल्गी की थाप और हल्दी का भंडारा फेकते हुए भव्य छबिना जुलूस; महाकाली शक्ति वार्षिक उत्सव मनाया


हिमायतनगर,एम अनिलकुमार|
शहर में हल्गी की थाप और हल्दी का भंडारा फेकते हुए भव्य छबिना जुलूस के साथ महाकाली शक्ति वार्षिक उत्सव मनाया गया है, नांदेड जिले के हिमायतनगर शहर के बोरगडी रोड स्थित महाकाली मंदिर में 18 दिसंबर को महाकाली शक्ति का वार्षिक उत्सव मनाया गया. महोत्सव के अवसर पर नगर एवं आसपास के क्षेत्रों के पंचक्रोशी से पोतराज के साथ श्रद्धालु भक्तगण उपस्थित हुए थे। शाम चार बजे शहर के मुख्य मार्ग पर हल्गी की थाप पर छबीना जुलूस निकाला गया. इस जुलूस में बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष मौजूद थे.

हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मिति मार्गशीष शुद्ध 06 शक 1945 चंपाषष्ठी तारीख 18 दिसंबर को श्री महाकाली शक्ति वार्षिक महोत्सव का आयोजन किया गया। सोमवार सुबह 10.30 बजे श्री साईनाथ बड़वे महाराज के शुभ हाथों से श्री महाकाली माता का अभिषेक, गादी, ध्वज एवं लाड जगा का पूजन किया गया। दोपहर 03:00 बजे बंडू देवकर, बालू देवकर द्वारा गादी व छबीना पूजा कर श्याम ५ बजे के दौरान हलगी व भंडारे की धुन पर मां की पालकी यात्रा गांव के मुख्य मार्ग से निकाली गयी. जुलूस शहर के दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर, पोचमा देवी मंदिर, बरतोंडी देवी मंदिर, तुका देवी मंदिर, विट्ठल रुक्मई मंदिर, संतोषी माता मंदिर, लकडोबा मंदिर, अडेला देवी मंदिर, श्री परमेश्वर मंदिर, पवनसुत हनुमान मंदिर, कालिंका मंदिर से होकर श्री महाकाली मंदिर वापस लौटा। दौरान शोभायात्रा का उचित स्थान पर भव्य स्वागत किया गया, चाय-पानी जलपान की व्यवस्था भी कुछ भक्तो द्वारा की गई।


महाकाली कि छबिना शोभा यात्रा में शामराव पोतराज, नागोराव पोतराज, सोमाजी पोतराज, बाबूराव पोतराज, सेवक चंद्रराव बनसोडे और अन्य पोतराज मंडलों ने भाग लिया और हल्गी की धुन पर नृत्य किया। छबिना बारात के वापस लौटते ही महाकाली मंदिर समीप भव्य महाप्रसाद कार्यक्रम संपन्न हुआ। इसके बाद रात 9.30 बजे गणपत गुरुजी की आरती और उसके बाद पापय्या महाराज पोतराज का जागर हुआ। इसके बाद देर रात तक चले लाड़- अग्निप्रवेश कार्यक्रम के बाद सुबह 7 बजे कार्यक्रम का समापन हुआ। इस कार्यक्रम में संस्थापक गुरु परंपरा से प्रेरित गुरु महाराज शामिल होंकर मार्गदर्शन किया। गुरुवर्य शिवाजी महाराज शिंदे चलगानी तालुका उमरखेड़, गुरु दिगंबर महाराज इथेवाड पारडी तालुका मुधोल, नीलकंठ बालाजी गायकवाड़ (देवकर) के शिष्य उपस्थित हुए थे। उक्त कार्यक्रम में देवकर, पोतराज मंडली और मनकरी मंडली भी शामिल हुए थे ऐसी जाणकारी कार्यक्रम के आयोजक संजय परमेश्वर मादसवार ने दी है|

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